A SIMPLE KEY FOR SIDH KUNJIKA UNVEILED

A Simple Key For sidh kunjika Unveiled

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देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

[They're preliminary stotras that have to be recited prior to reading of Devi Mahatmyam/Chandi/Durga Sapthasathi. Here's it advised that if this kunjika stotram is recited then there is absolutely no must recite all these.]

देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।”

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न website रहस्यकम् ।

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